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स्वर्ग में वे लोग रहेंगे जिन्होंने आकाशीय किताबों की शिक्षाओं को इस प्रकार समझा जैसा कि पैगम्बरों ने समझा। स्वर्ग के निवासी वे लोग होंगे जिनके सिर पर Allah ने अपनी कृपा का हाथ रखा है। जिन लोगों पर Allah ने अपनी कृपा का हाथ रखा है, वे के मित्र हैं। चूंकि डर, दुख, और परेशानी से मुक्त हैं, इसलिए Allah के मित्र में Allah की विशेषता का प्रतिबिंब स्पष्ट रूप से दिखाई देता है और उन्हें न तो डर होता है और न ही दुख। और जो लोग के मित्र नहीं हैं, स्वर्ग का वातावरण उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा। वे नर्क की ईंधन होंगे। यदि किसी में डर और दुख है, तो वह के बताए हुए कानून के अनुसार Allah का मित्र नहीं है। और जो व्यक्ति Allah का मित्र नहीं है, स्वर्ग उसे नकार देती है।
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
कलंदर शऊर
अच्छी है बुरी है, दुनिया (dahr) से शिकायत मत कर।
जो कुछ गुज़र गया, उसे याद मत कर।
तुझे दो-चार सांसों (nafas) की उम्र मिली है,
इन दो-चार सांसों (nafas) की उम्र को व्यर्थ मत कर।
(क़लंदर बाबा औलिया)