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स्वयं से बातें करने की प्रवृत्ति


नब्बे (90) दिनों तक प्रतिदिन एक बार

"अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हूअल-हय्युल-क़य्यूम"

اَللہُ لَا اِلٰہَ اِلَّا ھُوَ الْحَیُّ الْقَیُوْمُ ؕ

का पाठ कर, प्रातःकाल सूर्य उदय से पूर्व, एक सुराही जल या मटके पर दम करें और रोगी को वही जल सेवन हेतु दें। यदि रोगी स्वयं इस प्रक्रिया को संपन्न करने की अवस्था में हो, तो यही आयत प्रातः एवं रात्रि में शयन से पूर्व एक बार पढ़कर, हाथों पर दम करे और दोनों हाथ मुख पर फेर ले।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।