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भूतिया व्यक्ति का उपचार


आसिब एक ऐसा मानसिक विकार है जो मस्तिष्क से जुड़ा होता है। इस समस्या की प्रमुख वजह यह होती है कि शरीर के रक्त में मिठास की तुलना में नमक की मात्रा बढ़ जाती है। जब यह रक्त शरीर के विभिन्न हिस्सों से होकर मस्तिष्क के कोशिकाओं में पहुंचता है, तो वह कोशिकाएं, जो व्यक्ति के चेतन और संवेदनशील अनुभवों को नियंत्रित करती हैं, प्रभावित हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, रोगी को कंधों पर भारीपन का अहसास होने लगता है, और उसकी आँखों के सामने ऐसी छवियाँ या रूप दिखाई देने लगते हैं, जिनका न तो वह समझ सकता है, और न ही उनका आपस में कोई संबंध स्थापित कर सकता है।

इस प्रकार के अनुभवों में व्यक्ति कभी किसी पुरुष या महिला की आकृति देखता है, और चूंकि यह अनुभव उसके लिए सामान्य नहीं होता, वह डर जाता है और ऐसी क्रियाएँ करने लगता है जो उसकी सामान्य चेतना के दायरे से बाहर होती हैं। कभी-कभी यह प्रभाव इतना गहरा हो जाता है कि व्यक्ति का मानसिक चेतनता में ठहराव आ जाता है और उसके संवेदनशील अनुभव अनजानी प्रेरणाओं के अधीन हो जाते हैं। ऐसा भी देखा जाता है कि भटकती हुई आत्माएँ, जिनकी प्रकृति नष्ट करने वाली होती है, मरे हुए व्यक्तियों के बाद उन लोगों की खोज में रहती हैं जिनका मानसिक स्वास्थ्य कमजोर होता है। जब ऐसी आत्माएँ अपनी कार्यवाही के लिए इस प्रकार के व्यक्तियों को ढूंढ लेती हैं, तो वे उनके सामने प्रकट होती हैं और उनके मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।

इसका इलाज यह है कि एक कागज़ पर विशेष मंत्र या आयतें लिखी जाएं।




लिखकर कागज को मोड़कर बत्ती निर्मित करें। इस मोड़े हुए कागज को रूई में लपेट लें। रूई और कागज से निर्मित बत्ती को घी अथवा जैतून के तेल में ऐसी स्थिति में प्रज्वलित करें, जहाँ से धुआँ रोगी तक पहुँच सके। यह प्रक्रिया रात्रि समय में सोते हुए करनी चाहिए। प्रातः सूर्य उगने से पूर्व क़लْ

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ

सूरह का उच्चारण करके एक प्याली जल पर उसका दम करें, फिर उसे नहार मुँह रोगी को पिलाएँ। दो सप्ताह तक नमक का सेवन पूर्णतया निषेध रखें। दो सप्ताह के पश्चात एक विस्तृत समयावधि तक नमक का सेवन न्यूनतम मात्रा में और अत्यन्त अल्प रूप में कराएँ। प्रत्येक दिन तीन बार शुद्ध शहद का सेवन भी अत्यन्त आवश्यक है।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।