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रशा (कंपकंपी)


किसी मोमी कागज़ पर

بِسْمِ اللّهِ الرَّحْمـَنِ الرَّحِيمِ

اَلرَّحْمٰنُ عَلَمَ الْقُرْآنُ خَلَقَ الْاِنْسَانُ

عَلَمَہُ الْبَیَانْ اَلْشَمْسُ وَالْقَمْرُ بِحُسْبَانٍ

Ar-Raḥmānu ‘Allama al-Qur’āna Khalaqa al-Insāna

‘Allamahu al-Bayān Ash-Shamsu wal-Qamaru bi-Ḥusbān

लिखकर एक तावीज गले में पहनाएं और एक तावीज सुबह नहार मुँह रोज़ाना पानी से धोकर काफ़ी अवधि तक पिलाएं।

रसूली (दर्द)

यदि रसूली शरीर के किसी भी स्थान पर हो,

 

 

 

 

तो (दायरों के बीच में बिंदी लगाकर इसे इस प्रकार काटें कि एक क्रॉस बन जाए) काग़ज़ या प्लेट पर ज़र्द रंग या ज़ाफ़रान और अर्क--गुलाब से लिखकर दिन में तीन बार कई महीनों तक सेवन करें। इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखें जब तक रसूलī (गांठ) समाप्त हो जाए।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।