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प्रसव के बाद चिल्ला (विश्राम अवधि) के दौरान महिलाएँ विभिन्न समस्याओं का सामना करती हैं या कर सकती हैं।
इनसे पूर्णतः सुरक्षित रहने के लिए, उपरोक्त नक़्श (लिखित ताबीज़) को पीले रंग से मोमी कागज पर लिखकर ताबीज़ में बाँधें।
ताबीज़ बनाने की विधि:कच्चे नीले धागे के ग्यारह तार लें और महिला की ऊँचाई के अनुसार माप लें। इसे दोहराकर या तिहराकर इतना मोटा कर लें कि ग्यारह गाँठें लगाने के बाद इसे गले में आसानी से पहना जा सके। फिर तीन बार
"या रहीम, या अल्लाह, या मुरीद- یَا
رَحِیْمْ یَا اَللّٰہُ یَا مُرِیْدُ
पढ़ें और हर बार फूँक मारकर एक गाँठ लगाएँ। इस प्रकार, अनुमानित समान दूरी पर ग्यारह गाँठें लगाएँ। चिल्ला का स्नान
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।