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पेट में कीड़े, चाहे वे टेपवर्म (कद्दू के बीज सदृश कृमि) हों, राउंडवर्म (कीचुएं) हों या सूक्ष्म कृमि (छोटे-छोटे कीड़े), इनसे मुक्ति के लिए स(सूरह कौसर) तीन बार पढ़कर पानी पर अभिसिंचित (दम) करें और निहार मुख रोगी को पिलाएँ। रोगी स्वयं भी यह प्रक्रिया कर सकता है। साथ ही, दिन में किसी भी समय, अंतराल के साथ, तीन बार (एक-एक बार) स सूरह कौसर पढ़कर पेट पर फूंक मारें। ग्यारह दिनों तक इस प्रक्रिया को अपनाने से पेट के किसी भी प्रकार के कीड़े पूर्णतः समाप्त हो जाते हैं।
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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।