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घर या व्यापार में बरकत (आशीर्वाद) का अभाव विभिन्न प्रकार की परेशानियाँ उत्पन्न करता है और घर में निरंतर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। जब माता-पिता में आपसी विवाद होते हैं, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव संतान पर पड़ता है। यदि संतान की सही प्रकार से परवरिश नहीं होती, तो माता-पिता का सम्मान उनके हृदय से समाप्त हो जाता है और वे माता-पिता से संघर्ष करने लगते हैं।
घर में बरकत (आशीर्वाद) के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हम अल्लाह तआला के इस आदेश को स्मरण रखें कि अल्लाह तआला फिजूलखर्ची करने वालों को नापसंद करता है।
व्यापार में बरकत (आशीर्वाद) के लिए यह सिद्धांत सदैव ध्यान में रखना चाहिए कि सद्भावना और उचित लाभ प्राप्ति से व्यापार में वृद्धि होती है। इन सिद्धांतों का पालन करने के बावजूद यदि बरकत (आशीर्वाद) न हो, तो इसका आध्यात्मिक उपचार निम्नलिखित है।
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उपरोक्त चित्र को सफेद चमकदार कागज या मोमीय कागज पर लिखकर दरवाजे की चौखट या दीवार में छोटे कील से गाड़ दें। तावीज़ गाड़ने से पूर्व संतान को यथा संभव मिठाई वितरित करें।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।