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पति के गुस्से को समाप्त करने के लिए


पत्नी, पति की तुलना में अधिक प्रेम करने वाली होती है। उसके अंदर प्रेम का ऐसा सागर होता है, जिसके कारण मानवता की वृद्धि और सुरक्षा जारी रहती है। यदि पत्नी के साथ पूरी तरह से प्रेम किया जाए और पति द्वारा उसे मानसिक शांति मिले, तो समाज में अधिकांश बुराईयां समाप्त हो सकती हैं, जिसका सीधा असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है।

पति के दुराचार से छुटकारा पाने के लिए, इशा की नमाज के बाद पत्नी, पहले और आखिर में ग्यारह-ग्यारह बार दुरुद शरीफ के साथ

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیمِ

بِسْمِ اللّٰہِ اَلْوَاسِعُ جَلَّ جَلَا لُہُ

Bismi llāhi al-Wāsi‘u Jalla Jalāluhu

मसले पर बैठकर एक तसब्बीह पढ़े और दुआ करे।

अगर ऐसा स्थिति उत्पन्न हो जाए कि पति तलाक देने के लिए तैयार हो या पत्नी को अलग करने की जिद हो या पत्नी को घर से बाहर निकाल दे और انتقام लेने के लिए उसे घर बुलाए, तो पत्नी को चाहिए कि रात को सोने से पहले वुज़ू करके मसले पर बैठकर इकतालीस (41) बार सूरह قُلْ هُوَ اللّٰہُ اَحَدُ पूरी सूरह पढ़े, फिर बिना बात किए बिस्तर में जाए और आंखें बंद करके सो जाए और अपने पति का ध्यान करते हुए सो जाए। इस कार्य की अवधि भी नब्बे (90) दिन है।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।