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लगातार विचारों में व्यस्त रहने के कारण वे ऊर्जा तरंगें, जो तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) के संचालन में सहायक होती हैं, असंतुलित होकर क्षीण हो जाती हैं। फलस्वरूप, मस्तिष्क का वह भाग, जो चेतना (कॉन्शसनेस) और मानसिक क्रियाशीलता को नियंत्रित करता है, निर्बल पड़ने लगता है। जब यह अवस्था विकसित होती है, तो व्यक्ति को बारंबार भयावह स्वप्न दिखाई देने लगते हैं।
यदि मानसिक प्रवाह को किसी एक केंद्र पर स्थिर कर दिया जाए, तो भयावह स्वप्नों की आवृत्ति को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को चलते-फिरते, बैठते-उठते, वुज़ू (शुद्धि) की स्थिति में या बिना वुज़ू के "अल्शाअतु नज़ीफ़ा" (اَلشَّاۃُ نَظِیْفَۃ۔ Ash-Shātu Naẓīfah) का नियमित रूप से जप (विर्द) करना चाहिए।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।