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सैयदना हुज़ूर अलैहिस्सलात वस्सलाम की ज़ियारत और क़दमबोसी


प्यारे नबी, शफीउल-मज़म्बीन, रहमतुल-लिल-आलमीन, सर्कार--दो आलम, आक़ा--दो जहान, सिरवर--क़ायनात हुज़ूर अलैहिस्सलात वस्सलाम की ज़ियारत और क़दमबोसी प्राप्त करने के लिए, ईशा की नमाज़ के बाद सारे कार्यों से मुक्ति प्राप्त कर रात को सोने से पूर्व,

 

 तीन सौ बार पढ़कर आँखें बंद करके पंद्रह से बीस मिनट तक हुज़ूर अक़राम अलैहिस्सलात वस्सलाम का तसव्वर करें। और बिना बात किए, उसी तसव्वर को बनाए रखते हुए सो जाएं।

इक्कीस (21) दिनों के इस अमल (प्रक्रिया) की बरकत से, इंशा अल्लाह, हुज़ूर की ज़ियारत और क़दमबोसी की साअदत प्राप्त होगी।

ज़ियारत की साअदत प्राप्त होने के बाद, मीठे चावल पका कर बच्चों को खिला दें।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।