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बहुसंख्यक स्त्रियों को मृत्तिका-सेवन (मिट्टी खाने) की
प्रवृत्ति विकसित हो जाती है, एवं शिशु भी इस प्रवृत्ति को अपनाते हैं, जिससे विविध प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
इसका निवारण इस प्रकार करें कि तीन बार
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Fardam Marwaj
निम्न पाठ दूध पर अभिसिंचित (दम) कर, बालक को पान कराएँ। जब भी बालक को दुग्ध
प्रदान करें, यह
प्रक्रिया दोहराएँ। ग्यारह (11) दिनों के भीतर मृत्तिका-सेवन की प्रवृत्ति समाप्त हो जाएगी। यदि माता को भी यह
प्रवृत्ति हो, तो वह
जल पर अभिसिंचित कर स्वयं सेवन करें।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।