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यदि कोई बच्चा जन्मजात गूंगा या बहरा हो, अथवा किसी रोग के परिणामस्वरूप यह स्थिति उत्पन्न हो गई हो, तो इसका उपचार निम्न विधि से किया जा सकता है। जब बच्चा या वयस्क गहरी निद्रा में हो, तो उसके सिरहाने की दाईं ओर खड़े होकर सूरह मरयम की प्रथम आयत "काफ़-हा-या-अइन-साद" (كهيعص. "Kaf Ha Ya Ain Sad") एक बार स्पष्ट रूप से उच्चारित करें, प्रत्येक अक्षर को पृथक-पृथक पढ़ें।
इस उपचार में अधीरता या उतावलेपन से बचें। इसे छः माह तक निरंतर जारी रखें। यदि बीच में कुछ समय का व्यवधान आ जाए, तो कोई आपत्ति नहीं, किन्तु प्रयास यह होना चाहिए कि यह क्रम बाधित न हो। महिलाएं भी इस अभ्यास को विशिष्ट दिनों में जारी रख सकती हैं।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।