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जिन्नात के प्रभाव को दूर करने के लिए


यदि बीमारी की सटीक पहचान हो और यह कहा जाए कि व्यक्ति पर जिन्नात या प्रेतात्मा का प्रभाव है, तो रोगी को साफ़ जगह पर बैठाकर यह विधि अपनाएं

 

 

 

 

 

नितांत शांति और संतोष के साथ ग्यारह बार पढ़कर मरीज़ पर दम करें। दम करते समय यह सोचें कि मैं और मरीज़ दोनों अर्श-ए-मुअल्ला के नीचे हैं। यदि मरीज़ पर जिन्नात का प्रभाव है, तो दम करते समय यह स्पष्ट हो जाएगा। एक बार यह पुष्टि होने पर कि मरीज़ पर जिन्नात का प्रभाव है, ग्यारह बार َا हफ़ीज़ یَا حَفِیظُ पढ़कर पुनः दम करें। मरीज़ अपनी असल स्थिति में लौट आएगा।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।