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गैस्ट्रिक समस्याएँ


पाचन तंत्र में खराबी, पेट की सूखापन, कब्ज और कब्ज़ जैसी समस्याओं के कारण कई गैसीय विकार उत्पन्न होते हैं। गैसीय विकारों में एक विकार हबस--रिह (Gas retention) है, जिसमें गैस निचले अंगों की बजाय ऊपर की ओर बढ़ने लगती है। जब यह गैस दिल के पास इकट्ठी हो जाती है, तो दिल पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। यदि यह गैस सिर की ओर बढ़ती है, तो सिर में तेज दर्द या साइनस (Sinus) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि यह गैस हाथों की ओर बढ़ती है, तो हाथों में दर्द और कभी-कभी सनसनाहट भी महसूस हो सकती है। अगर गैस पेट में इकट्ठी हो जाती है, तो पेट में गर्मी का एहसास होता है और इसके कारण बार-बार छींकने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि यह गैस आंतों में बनी रहती है और इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो यह जिगर और आंतों से संबंधित कई विकारों का कारण बन सकती है।

आहार में परिवर्तन और परहेज़ के साथ हबस--रिह, पत्थर जैसी कठोरता, कोलिक का दर्द, आंतों का बढ़ना, आंतों की कमजोरी, दस्त और अन्य संबंधित रोगों के उपचार के लिए, एक साफ, पारदर्शी विदेशी शीशी लें और उसमें उबला हुआ पानी भरें। इसके बाद इसमें एक मजबूत कार्क (कॉर्क) लगा दें। पानी भरते समय ध्यान रखें कि शीशी के ऊपरी चौथाई हिस्से में खाली स्थान रहे। इस शीशी को ऐसी जगह पर रखें जहां सुबह से तीन-चार बजे तक सूर्य की रोशनी आती हो। शाम के समय शीशी को हटा लें। इस पानी में हल्दी का रंग मिलाकर रोशनाई (इंक) तैयार करें और इस रोशनाई से सफेद चीनी की तीन प्लेटों पर अलग-अलग यह चित्र (नक़्श) लिखें।

 

 

 

 

 

सुबह नाश्ते से पंद्रह मिनट पहले, दोपहर और रात को खाने से आधा घंटा पहले, एक-एक प्लेट धूप में तैयार किए गए पानी से धोकर पिएं।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।