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गुप्त पुष्टि (उस्तेख़ारा)



कोई कार्य करने से पूर्व उस्तेख़ारा करना सुन्नत है। उस्तेख़ारा वास्तव में अल्लाह तआला से परामर्श करना है।

21 बार।اِفْتَحْ اِفْتَحْ یَا بَدِیِعُ الْعَجَائِبِ  بِاالْخَیرِ یَا بَدِیِع   दरूद--ख़ज़री صَلَّ اللّٰہُ تَعَالیٰ عَلَیٰ حَبِیبِهِ مُحَمَّدِ وَ سَلَّم  

Iftaḥ Iftaḥ Yā Badī‘ al-‘Ajā’ib bil-Khayr Yā Badī‘
Ṣalla Allāhu Ta‘ālā ‘alā Ḥabībihi Muḥammad wa Sallama.

पहले और अंत में एक-एक बार पढ़ें। इसके पश्चात दाहिनी करवट पर लेटकर चेहरे के नीचे दाहिने हाथ की हथेली रखकर सो जाएं। सोते समय जिस बात को जानना हो, उसे मन में दोहराएं। अधिकतम तीन दिनों में जो कुछ भी जाना जाए, वह स्वप्न या जागृत अवस्था में प्रकट हो जाएगा।

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रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)

ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी

समर्पण

हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड (P.B.U.H.) की सेवा में

 

संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा रहा है।

पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात की ज़कात अदा की है।

मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।

आमीन, सुम्मा आमीन।