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"मानीं क़मीरा- مَانِیٌ قَمِیْرَا " इस मन्त्र को शुद्धि करते समय उसी प्रकार पढ़ें जैसा वायु वाली बवासीर में "फिलुन, फिलुन, फल faʿlun faʿlun faʿal - فِعْلُنْ فِعْلُنْ فِعَلْ " पढ़ने का निर्देश दिया गया है।
कभी-कभी बवासीर का दर्द इतना तीव्र हो जाता है कि रोगी असहज हो जाता है और ऐसा महसूस करता है जैसे बवासीर की जगह पर सुइयाँ चुभ रही हैं। अल्लाह तआला अपने संरक्षण में रखें। इस दर्द के कारण रोगी न तो उठ सकता है और न बैठ सकता है, और चिल्लाता हुआ इधर-उधर टहलता रहता है। इसका तात्कालिक इलाज यह है:
रोगी "हुआ अल्लाहु अल्लज़ी लाह इलाह इलाहू
Huwa
Allāhu alladhī lā ilāha illā Hu - ھُوَ
اَللّٰہُ الَذِیْ لَا اِلٰہَ اِلَّا ھُوْ
इस मन्त्र को पढ़कर अपनी तर्जनी अंगुली पर दम करे और उस अंगुली को पानी में डाल दे। इंशा अल्लाह, दर्द तुरंत ठीक हो जाएगा।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।