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कर्ता व्यक्तित्व किसी कार्य की पुनरावृत्ति करके अपने
मस्तिष्क को निरंतर सक्रिय रखते हैं, यहाँ तक कि वे अपने इरादे पर पूर्ण नियंत्रण पा लेते हैं। अभ्यास के
माध्यम से उनकी दक्षता जितनी बढ़ती है, उतनी ही उन्हें
इच्छाशक्ति द्वारा कार्य करने में आसानी होती है। इस प्रकार के व्यक्ति स्वाभाविक
रूप से भी उत्पन्न होते हैं। उनकी प्रवृत्ति स्वयं ही आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित
होती है, और वे बचपन से बिना समझे-बुझे इन विधियों का
बार-बार उपयोग करते हैं। प्रारंभ में उन्हें यह ज्ञान नहीं होता कि उनके भीतर यह
स्वाभाविक प्रवृत्ति विद्यमान है, किंतु निरंतर इस शक्ति का
उपयोग करते हुए उन्हें सफलता मिलने लगती है। धीरे-धीरे उन्हें यह रहस्य समझ में
आता है कि विचार और इरादा से कार्य किया जा सकता है। जब वे इसे लागू करते हैं और
इसे बार-बार दोहराते हैं, और परिणाम उनकी इच्छानुसार उत्पन्न
होते हैं, तो वे स्वयं को कर्ता समझने लगते हैं। लोग भी
उन्हें कर्ता के रूप में पहचानने लगते हैं।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।