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सामान्यतः यह देखा गया है कि कमज़ोर तंत्रिका तंत्र वाले व्यक्तियों को अधिक क्रोध आता है। कुछ लोग सामाजिक कठोरता, अभाव की भावना या श्रेष्ठता के अहसास की वजह से भी अत्यधिक क्रोधित होते हैं। यह भी देखा गया है कि कुछ लोग बाहर मित्रों के बीच सहनशील और विनम्र होते हैं, लेकिन घर में पत्नी और बच्चों के सामने गुस्से में रहते हैं। ऐसे लोगों में किसी न किसी रूप में अधिकार की भावना होती है।
यदि रोगी स्वयं इस क्रोध से मुक्ति चाहता है, तो क्रोध के समय एक बार "या वदूद" (يَا وَدُودْ) पढ़कर पानी पर दम करें और तीन सांस में पानी पी लें। यदि घर के अन्य सदस्य किसी व्यक्ति के क्रोध से मुक्ति चाहते हैं, तो उन्हें यह करना चाहिए कि सूर्योदय से पहले एक घूंट पानी पर "या वदूद" (يَا وَدُودْ) पढ़कर रोगी को खाली पेट पिला दें। यदि यह संभव न हो, तो यह पढ़ा हुआ पानी उस मटके में डाल दें जिससे सभी घरवाले पानी पीते हों। इस प्रक्रिया को अधिकतम चालीस दिनों तक जारी रखें।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।