Spiritual Healing
यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि दांतों के रोग सीधे तौर पर पेट से संबंधित होते हैं। पेट की कार्यप्रणाली यदि सही रहती है और दांतों की सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है, तो दांतों के रोग नहीं होते। पायरीया में मसूड़ों के भीतर नमी जमा होकर सड़ जाती है और फिर यह नमी पिओं के साथ रक्त के मिश्रण में बाहर निकलती रहती है। यह एक अत्यधिक कठिन रोग है, जिसे ठीक होने में समय लगता है। पेट के सही संचालन और दांतों की सफाई के साथ-साथ, सुबह सूर्योदय से पहले, एक निश्चित समय तक पालक के पत्ते पर "إِلَىٰ أَجَلٍ مُسَمّٰى Ilā ajalin musammā۔" एक बार दम करके पालक को अच्छी तरह चबाकर खाएं। चबाते समय यह ध्यान रखें कि लार गले में न जाए। पालक के पत्तों को अच्छे से चबाकर थूक दें। इस क्रिया को दिन में तीन बार दोहराएं और हर बार एक के बाद एक तीन पत्ते चबाएं। इस प्रक्रिया को आधे घंटे तक कोई भी आहार या पेय सेवन करने से पहले करें।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।