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किसी भी स्याही से एक पत्र पर निर्दिष्ट आलेख संकलित
कर उसे चार तहों में मोड़कर तावीज़ बना लें। इस तावीज़ को दो समतल शिलाखंडों
के मध्य एक स्थिर स्थान पर इस प्रकार रखें कि कोई उसे विचलित न कर सके। प्रत्येक शिला
का न्यूनतम भार दो सेर होना आवश्यक है, जिससे ऊपरी शिला का पूर्ण भार तावीज़ पर बना रहे।
विशेष टिप्पणी: तावीज़
को अधिक प्रभावशाली और शक्तिशाली बनाने हेतु, ऋणी व्यक्ति का नाम एवं उसकी माता का नाम तावीज़ को मोड़ने से
पूर्व अनिवार्य रूप से लिखें।
(२)
इशा की नमाज़ के उपरांत इकतालीस बार आयतुल
कुर्सी (عظیم तक) का पाठ करें, तत्पश्चात् हाथों पर दम कर तीन बार मुख पर फेरें। इसके
बाद ऋण प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। यह प्रक्रिया नब्बे (९०) दिनों
तक निरंतर जारी रखी जाए। महिलाएं यदि किसी कारणवश मध्य में कार्यस्थगित
करें तो विलंबित दिवसों को बाद में पूर्ण करें।
रोहानी इलाज-आध्यात्मिक चिकित्सा(Roohani ilaj)
ख्वाजा शम्सुद्दीन अजीमी
समर्पण
हज़ूर सरवर-ए-ब्रह्मांड
(P.B.U.H.) की सेवा में
संदेह और अनिश्चितता के तूफ़ान से उत्पन्न लगभग दो सौ
बीमारियों और समस्याओं को एकत्र कर इस पुस्तक में उनका समाधान प्रस्तुत किया जा
रहा है।
पुस्तक "रूहानी इलाज" में जितने भी
रोगों के उपचार और समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं, वे सभी मुझे सिलसिला ओवैसिया, कलंदरिया, अज़ीमिया से
स्थानांतरित हुए हैं, और इस फ़क़ीर ने इन समस्त आमलियात
की ज़कात अदा की है।
मैं ब्रह्मांड की सृष्टि के लिए इस रूहानी कृपा को
सामान्य करता हूँ और सैय्यदुना हज़ूर (P.U.H.B.) के माध्यम से प्रार्थना करता हूँ कि अल्लाह तआला मेरी
इस कोशिश को स्वीकार्यता प्रदान करें, अपने भक्तों को
स्वास्थ्य प्रदान करें, और उन्हें कठिनाइयों, संकटों और परेशानियों से सुरक्षित रखें।
आमीन, सुम्मा आमीन।